गणतंत्र दिवस क्या है तथा गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है ? – नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप सभी? उम्मीद है कि आप सभी स्वस्थ होंगे। दोस्तों में एक बार फिर से आप सभी का स्वागत करता हूं हमारे इस बिल्कुल नए आर्टिकल पर । आज इस आर्टिकल में हम आपको एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर जानकारी देने जा रहे हैं।
आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि गणतंत्र दिवस क्या है तथा गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है? दोस्तों अगर आप भी गणतंत्र दिवस के बारे में जानना चाहते हैं तो और गणतंत्र दिवस के पीछे छिपे इतिहास को समझना चाहते हैं तो आज का यह आर्टिकल निश्चित रूप से आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होगा ।
दोस्तों अगर आप भारतीय कैलेंडर पर नजर डालें तो आपको 1 वर्ष में 365 दिन देखने को मिल जाएंगे और इन्हीं 365 दिन में आपको हर एक दिन कोई ना कोई नया त्यौहार या फिर कोई ना कोई नया दिन देखने को मिलेगा । हर दिन अपने साथ अनेक प्रकार की खुशियां लेकर आता है और अपने पीछे छुपे इतिहास को हम सभी के सामने प्रदर्शित करता है । वैसे तो हमारे देश में अनेक प्रकार के त्यौहार बड़े ही धूमधाम के साथ मनाये जाते हैं पर अगर इन सभी में से नजर डाले तो कुछ गिने-चुने पर्व ऐसे हैं जो राष्ट्रीय पर्व का दर्जा प्राप्त किए हुए हैं ।
दोस्तों अगर आप भारत के राष्ट्रीय पर्व पर नजर डालें तो आपको गणतंत्र दिवस का एक पर्व सुनने को मिलेगा। यह पर्व हमारे देश में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। सबसे बड़ी खासियत यह है कि गणतंत्र दिवस को हर एक धर्म तथा हर एक समुदाय के लोग साथ में मिलकर सेलिब्रेट करते हैं।
दोस्तों अगर आप भारत देश के नागरिक है तो हमें शत-प्रतिशत यकीन है कि आपने भी गणतंत्र दिवस का पर्व सेलिब्रेट किया होगा , लेकिन दोस्तों जैसा कि आप सभी को पता है हम अपने पूर्वजों के पद चिन्हों पर चलते हैं। जैसा हमारे पूर्वजों और हमारे दादा बाबा करते आए हैं वैसा हम भी करते हैं ।
हम कभी यह जानने की कोशिश नहीं करते कि आखिर यह जो हम पर्व और त्योहार सेलिब्रेट करते हैं इनके पीछे का इतिहास क्या है? इसीलिए आज इस आर्टिकल में हमने आपको भारत के राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस के पीछे छुपे इतिहास के बारे में बताने का फैसला लिया है।
आप की जानकारी को बढ़ाने के लिए आज इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं गणतंत्र दिवस का पर्व क्या है? गणतंत्र दिवस के पर्व के पीछे का इतिहास क्या है? गणतंत्र दिवस का पर्व कैसे सेलिब्रेट किया जाता है? तो दोस्तों इन सभी जानकारियों को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए आर्टिकल को ध्यान से पढ़िए ।
गणतंत्र दिवस क्या है?
दोस्तों गणतंत्र दिवस का पर्व प्रतिवर्ष बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है क्या हिंदू क्या मुस्लिम क्या सिख और क्या इसाई। सारे ही धर्म और संस्कृति के लोग इस पर्व को एक साथ इंजॉय करते हैं। गणतंत्र दिवस के पर्व को हम 26 जनवरी के नाम से भी जानते हैं और यह 26 जनवरी के दिन होता है।
गणतंत्र दिवस को रिपब्लिक डे के नाम से भी संबोधित किया जाता है और जैसा कि आपको इस के नाम से ही पता चल रहा होगा रिपब्लिक यानी कि गणतंत्र । वैसे तो हमारा देश स्वतंत्र 15 अगस्त को हुआ था पर यह गणतंत्र 26 जनवरी को हुआ था। गणतंत्र दिवस के दिन भारत के सभी सरकारी कार्यालयों विद्यालयों में झंडारोहण का आयोजन किया जाता है।
भारत के प्रधानमंत्री गणतंत्र दिवस के दिन सुबह शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं। इसके पश्चात वह लाल किले पर जाते हैं और लाल किले में झंडा रोहण होता है। झंडारोहण होने के पश्चात भव्य परेड का आयोजन भी होता है। इस परेड में भारत की तीनों सेनाओं जल थल तथा वायु सारी सेवाएं अपना परचम दिखाती हैं।
इस दिन भारत के सभी सैन्य उपकरण और सैन्य संसाधन की झांकी निकाली जाती है। इसी के साथ-साथ भारत के सारे राज्यों की विरासत को दिखाने के लिए हर एक राज्य की अपनी एक झांकी बनाई जाती है जो गणतंत्र दिवस के दिन परेड में शामिल की जाती है।
देश के सारे विद्यालयों में गणतंत्र दिवस के दिन अनेक सुसज्जित कार्यक्रमों का आयोजन होता है और किसी न किसी विशिष्ट अतिथि के द्वारा झंडारोहण कराया जाता है। इसके पश्चात बच्चों के प्रोग्राम होते हैं और अंत में राष्ट्रीय मिठाई जलेबी का वितरण होता है।
गणतंत्र का अर्थ क्या है और गणतंत्र दिवस मनाने का उद्देश्य क्या है?
दोस्तों आप सभी ने गणतंत्र दिवस शब्द सुना होगा जिसमें आप सभी कई बार कंफ्यूज रहते हैं कि आखिर यह गणतंत्र है क्या? और गणतंत्र का मतलब क्या होता है? दोस्तों आपकी ऐसी कंफ्यूजन को दूर करने के लिए हम आपको बता दें कि गणतंत्र का मतलब होता है संवैधानिक ।
जैसा कि आप सभी को ज्ञात है कि हमारा देश 15 अगस्त को आजाद हुआ था। जब हमारा देश आजाद हुआ उसके बाद देश में विभिन्न संसाधनों की कमी हो गई। देश में कोई भी कानून व्यवस्था लागू नहीं थी। जिसका जो मन में आता था वह करते थे ।
गरीब अमीर को अपना मालिक समझता था तथा अमीर गरीब को अपना नौकर समझते थे। सारे उच्च वर्ग के लोग इन निम्न वर्ग के लोगों को परेशान करते थे। न्यायालयों की कोई व्यवस्था नहीं थी। किसी भी अपराधी के मन में कोई खौफ नहीं था , इसीलिए देश में एक कानून लागू करने की आवश्यकता महसूस की गई ।
15 अगस्त 1947 को जब देश आजाद हुआ उसके बाद से ही देश में एक संविधान निर्माण की कवायद तेज हो गई, क्योंकि बिना संविधान के देश चलाना बहुत ही मुश्किल था। संविधान निर्माण के लिए विभिन्न महापुरुषों ने अपना योगदान दिया, जिनमें से डॉक्टर भीमराव अंबेडकर डॉ राजेंद्र प्रसाद मुख्य थे। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने दुनिया के सारे देशों का भ्रमण किया और वहां के संविधान को पढ़ा । और अंत में वह भारत देश वापस लौट के आए । उन्होंने हर एक देश के संविधान से कुछ ना कुछ अंश लिया और भारत का एक संविधान बनाया। यह संविधान 2 वर्ष 11 माह तथा 18 दिन में बनकर तैयार हुआ । यह दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है ।
26 जनवरी 1950 को भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाया गया संविधान पूर्ण रूप से लागू कर दिया गया और इस बात की घोषणा कर दी गई कि यह देश अब संविधान से चलेगा कोई भी मनुस्मृति या अन्य किसी विचारों के द्वारा देश नहीं चलेगा । देश चलाने के लिए संविधान ही सर्वोपरि होगा।
संविधान लागू होने के बाद से ही प्रतिवर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
निष्कर्ष
तो दोस्तों यह आपके लिए छोटी सी जानकारी थी। आज इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि गणतंत्र दिवस क्या है? तथा गणतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं? उम्मीद है कि यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। अगर आप भी इसी प्रकार के अन्य जानकारियां पाना चाहते हैं तो हमारा आर्टिकल प्रतिदिन पढ़िए। हम अपने इस आर्टिकल पर आपके लिए अनेक विषयों पर जानकारी लेकर आते रहते हैं। अपना कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।